नई दिल्ली: केंद्र सरकार वोटर आईडी और आधार कार्ड को लिंक करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में मंगलवार को चुनाव आयोग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें दोनों दस्तावेजों को जोड़ने पर सहमति बनी। जल्द ही इस पर विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।
आयोग का कहना है कि वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का कार्य मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इससे पहले 2015 में भी ऐसी कोशिश की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था।
इस कदम का उद्देश्य फर्जी वोटिंग पर रोक लगाना और मतदाता सूची को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाना है। सरकार का मानना है कि आधार से लिंक करने से वोटर लिस्ट में दोहरे नामों को हटाने में मदद मिलेगी और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
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