एचआईवी/एड्स और टीबी मुक्त अभियान में अधिकारियों को निभानी होगी सक्रिय भूमिका: डीसी



धर्मशाला: एचआईवी/एड्स और टीबी को समाप्त करने के लिए अधिकारियों को अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने गुरुवार को लघु सचिवालय धर्मशाला में आयोजित कार्यशाला में कहा कि हर संभावित व्यक्ति को जांच के लिए प्रेरित किया जाए और संक्रमित पाए जाने पर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जाए।  


उन्होंने कहा कि एचआईवी केवल स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक कारकों से भी जुड़ा है। इसलिए गैर-स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारी भी जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकते हैं। डीसी ने कहा कि एचआईवी और टीबी के खिलाफ जंग में हम जीत के करीब हैं, इसलिए सक्रियता और जागरूकता और भी जरूरी है।  


आईसीटीसी केंद्रों में मुफ्त जांच  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि जिले में आईसीटीसी केंद्रों पर एचआईवी की मुफ्त जांच की जाती है और रिपोर्ट गोपनीय रखी जाती है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में जांच करवाने की सलाह दी जाती है ताकि संक्रमण की स्थिति में बच्चे को सुरक्षित रखा जा सके।  


सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर उपलब्ध  

सीएमओ ने बताया कि एचआईवी/एड्स के लिए सरकार ने 1097 हेल्पलाइन और टीबी के लिए 1800116666 टोल-फ्री नंबर जारी किया है। मनोवैज्ञानिक सहायता के लिए टेली मानस के टोल-फ्री नंबर 14416 और 18008914416 पर भी संपर्क किया जा सकता है।  


भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत  

नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त जफर इकबाल ने कार्यशाला के समापन पर कहा कि समाज में एचआईवी और टीबी को लेकर कई भ्रांतियां हैं। समय पर जांच और उपचार से इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने और भेदभाव को समाप्त करने पर जोर दिया।  

इस अवसर पर एडीसी कांगड़ा विनय कुमार, एएसपी हितेश लखनपाल, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम और जिले के सभी एसडीएम भी उपस्थित रहे।

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