हिमाचल का नया सैरगाह: भुलाह बायोडायवर्सिटी पार्क बना पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना


मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में नाचन वन मंडल के तहत जंजैहली के भुलाह में वन विभाग द्वारा विकसित बायोडायवर्सिटी पार्क इन दिनों देशभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। यह पार्क न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, बल्कि प्रदेश की ईको टूरिज्म नीति का एक सफल उदाहरण भी बनकर उभरा है।

देवी मां शिकारी के पावन चरणों में स्थित यह पार्क श्रद्धा, रोमांच और प्रकृति प्रेम का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए आते हैं, और अब यह पार्क उनकी यात्रा का एक अविस्मरणीय हिस्सा बनता जा रहा है।



पार्क की सबसे खास विशेषता यहां बनाए गए चार सुंदर ट्री हाउस हैं, जो देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित हैं। पर्यटकों के ठहरने के लिए इन ट्री हाउस में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, और मात्र 1500 रुपये प्रतिदिन में प्रकृति की गोद में रात बिताने का अनोखा अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, ट्री वॉक – लकड़ी से बना एक ऊँचा मार्ग – पर्यटकों को पेड़ों के बीच से गुजरते हुए रोमांच और जैव विविधता का नज़दीक से अनुभव कराता है।

पार्क में विकसित की गई नर्सरी में स्थानीय और दुर्लभ प्रजातियों के पौधे मौजूद हैं, जो पर्यावरण शिक्षा और जैव विविधता संरक्षण के उद्देश्य को साकार करते हैं। पार्क का रखरखाव प्रशिक्षित केयर टेकर द्वारा किया जा रहा है, जिससे यह परियोजना स्थानीय सहभागिता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रतीक बन गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रही है। भुलाह का बायोडायवर्सिटी पार्क इस नीति की सफलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। देशभर से आ रहे पर्यटक इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि हिमाचल अब पारंपरिक पर्यटन स्थलों के साथ-साथ प्रकृति आधारित स्थलों की ओर भी अग्रसर हो रहा है।

रेंज ऑफिसर महेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि पार्क में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, और ट्री हाउस में ठहरने की बुकिंग भी तेज़ी से हो रही है। यह पार्क हिमाचल की बदलती पर्यटन नीति, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की सोच का प्रतीक बन चुका है – जहां श्रद्धा, शांति और रोमांच का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

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