स्वच्छ गुरुग्राम की दिशा में बड़ा फैसला: पार्षदों और ठेकेदारों को कचरा प्रबंधन में मिली जिम्मेदारी



गुरुग्राम: गुरुग्राम को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में नगर निगम ने एक निर्णायक कदम उठाया है। सोमवार को नगर निगमायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया कि अब शहर की सफाई व्यवस्था और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में पार्षदों और ठेकेदारों को सीधे भागीदारी का अवसर दिया जाएगा।

नगर निगम के इस कदम का मकसद स्वच्छ भारत मिशन को गति देना और वर्तमान में उत्पन्न सफाई संकट को शीघ्र सुलझाना है। यह व्यवस्था हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 49 (सी) के तहत वैधानिक आधार पर लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत पार्षद, ठेकेदार और इच्छुक नागरिक ट्रैक्टर-ट्रॉली या अन्य उपयुक्त वाहनों के माध्यम से अपने-अपने वार्ड में कचरा संग्रहण का कार्य कर सकेंगे।

हालांकि यह व्यवस्था स्थायी नहीं है, बल्कि मौजूदा आपात स्थिति से निपटने के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में लागू की जा रही है। इसे किसी भी भविष्य की टेंडर प्रक्रिया या योजनागत दस्तावेज का हिस्सा नहीं माना जाएगा।

नगर निगम ने इस नई व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव कर रहे हैं और इसमें सभी संयुक्त आयुक्त, मुख्य लेखा अधिकारी तथा कार्यकारी अभियंता (स्वच्छ भारत मिशन) को शामिल किया गया है। यह समिति वाहनों की दरें निर्धारित करेगी और संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेगी।

नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस आपातकालीन प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाएं। जो व्यक्ति या संगठन अपने वाहन इस अभियान में लगाना चाहते हैं, वे नगर निगम के सेक्टर-34 स्थित कार्यालय में दस्तावेज जमा करा सकते हैं। जरूरी दस्तावेजों में वाहन के कागज़, ड्राइवर और हेल्पर के आधार कार्ड और संपर्क नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस और एक लिखित आवेदन पत्र शामिल है।

यह पहल न केवल सफाई व्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि समाज के हर वर्ग को स्वच्छता अभियान से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

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