चमोली: उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर परिसर में भिक्षावृत्ति पर रोक लगा दी गई है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी और शासन की ओर से कार्यपालक नियुक्त विजय प्रसाद थपलियाल ने मंदिर एवं उसके परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि कुछ साधु भेषधारी तीर्थयात्रियों से दान-दक्षिणा ले रहे हैं और भिक्षा मांग रहे हैं, जिससे मंदिर समिति की छवि धूमिल हो रही है। इस पर उन्होंने मंदिर परिसर में भिक्षावृत्ति पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों और कर्मचारियों की समिति गठित कार्यपालक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर बीकेटीसी अधिकारियों और कर्मचारियों की एक समिति का गठन किया गया है, जो इस मामले में कार्रवाई करेगी। विजय प्रसाद थपलियाल ने रविवार को मंदिर एवं परिसर के बाहरी क्षेत्र का भी निरीक्षण किया और बताया कि परिसर के बाहर प्रसाद की दुकानों के नाम पर अतिक्रमण किया जा रहा है, जिसे हटाना आवश्यक है। इस कार्रवाई समिति में मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चौहान को अध्यक्ष, प्रधान सहायक राजेन्द्र सेमवाल और मुख्य सहायक जगमोहन बर्त्वाल को सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
साधु वेश में अवैध भिक्षावृत्ति पर नियंत्रण बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि समिति समय-समय पर मंदिर और परिसर का निरीक्षण करेगी और ऐसे लोगों को जो साधु वेश में अवैध रूप से भिक्षावृत्ति कर रहे हैं, दर्शन के बाद बाहर निकालना सुनिश्चित करेगी। निरीक्षण के दौरान प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी और अवर अभियंता गिरीश रावत सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
भिक्षावृत्ति नियंत्रण और अतिक्रमण हटाने के लिए गठित समितियां मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग और बाह्य क्षेत्र से संबंधित कार्यों की रिपोर्ट कार्यपालक मजिस्ट्रेट और बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी को उपलब्ध कराएंगी।