नितिन गडकरी का इथेनॉल नीति और विरोधियों पर जवाब “मेरा दिमाग ही हर महीने 200 करोड़ की कीमत का है, मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है और मैं कभी नीचे नहीं गिर सकता”



नागपुर: इथेनॉल नीति को लेकर हो रही आलोचनाओं पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मेरा दिमाग ही हर महीने 200 करोड़ की कीमत का है। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है और मैं कभी नीचे नहीं गिर सकता।”

गडकरी ने एग्रीकोज वेलफेयर सोसाइटी के कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि इथेनॉल को बढ़ावा देने के उनके प्रयास पूरी तरह किसानों के हित में हैं और उनका कमाई से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कुछ राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे लोगों को लड़ाकर फायदा उठाते हैं, लेकिन वह उनमें से नहीं हैं।

विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को शर्मनाक बताते हुए गडकरी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “विदर्भ में 10 हजार किसानों की आत्महत्या शर्म की बात है। जब तक हमारे किसान समृद्ध नहीं हो जाते, हम अपने प्रयास कम नहीं करेंगे।”

अपने बेटे की कंपनी को लेकर आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने बताया कि वह केवल आइडिया देने का काम करते हैं। गडकरी ने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगवाए, यहां से 100 कंटेनर केले भेजे, गोवा से 300 कंटेनर मछलियां सर्बिया को सप्लाई कीं और ऑस्ट्रेलिया में दूध उत्पादों की फैक्ट्री लगाई।

इसके अलावा, गडकरी ने कहा कि उनके बेटे ने आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें चलायी हैं। उन्होंने बताया, “मुझे पांच लाख टन चावल के आटे की जरूरत पड़ती है। इसलिए वह मिल चलाता है और मैं उससे आटा खरीद लेता हूं।” गडकरी ने इसे उदाहरण बताते हुए कहा कि व्यापार में रुचि रखने वाले लोग कृषि क्षेत्र में कैसे अवसर पैदा कर सकते हैं।

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