नई दिल्ली: निजी ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स यानी प्राइवेट कैब ऐप्स द्वारा किराए में बढ़ोतरी (सर्ज प्राइसिंग) के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में घोषणा की है कि सहकारी मोबाइल ऐप 'भारत टैक्सी ऐप' वर्तमान में टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है। गडकरी ने बताया कि इस ऐप का उद्देश्य सहकारी मॉडल पर ड्राइवरों के स्वामित्व वाली एक एप्लीकेशन बनाना है। यह ऐप सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (एसटीसीएल) के तहत काम करेगा, और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) इस राइड-हेलिंग सेवा को स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
गडकरी ने आगे कहा कि सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जिनका उद्देश्य ऐप-आधारित कैब सेवाओं को हल्के तरीके से रेगुलेट करना और यूज़र्स की सुरक्षा तथा ड्राइवर की भलाई सुनिश्चित करना है। इन गाइडलाइंस में किराए को लेकर नियम दिए गए हैं, जिसके तहत डायनेमिक प्राइसिंग (सर्ज प्राइसिंग) की अनुमति दी गई है, लेकिन इसे बेस फेयर के अधिकतम दो गुना तक सीमित किया गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा निर्धारित शुल्क को बेस फेयर माना जाएगा।
गाइडलाइंस के अनुसार, ड्राइवर-स्वामित्व वाले वाहन को कम से कम 80 प्रतिशत किराया मिलेगा, जबकि एग्रीगेटर द्वारा स्वामित्व वाले वाहन के मामले में ऑन-बोर्ड ड्राइवर को कम से कम 60 प्रतिशत भाड़ा मिलेगा। सर्ज प्राइसिंग के मामले में लाभार्थी ड्राइवर होगा, जिससे आपूर्ति बढ़ेगी। गडकरी ने यह भी बताया कि अगर एग्रीगेटर कोई अत्यधिक या अनुचित भाड़ा यात्रियों से वसूलता है, तो उनके लाइसेंस को निलंबित या रद्द किया जा सकता है। गाइडलाइंस यह भी सुनिश्चित करती हैं कि किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय इसके कि जब यात्रा की दूरी तीन किलोमीटर से कम हो।