हरियाणा में वाहनों की अधिकतम उम्र सीमा तय: NCR में डीजल स्कूल बसों-टैक्सी के लिए 10 साल की लिमिट, यात्रियों की सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण पर बड़ा फैसला

 


नई दिल्ली/ गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने राज्य में चलने वाली सभी परिवहन गाड़ियों, जिनमें बसें, स्कूल वाहन, टैक्सी, टूरिस्ट बसें और गूड्स वाहन शामिल हैं, की अधिकतम उम्र सीमा तय कर दी है। सरकार का कहना है कि अब कोई भी गाड़ी उसकी पहली रजिस्ट्रेशन की तारीख से तय सीमा पार होने पर सड़क पर नहीं चलेगी। यह फैसला आम लोगों की सुरक्षा, बढ़ते प्रदूषण और पुराने वाहनों की खराब स्थिति को देखते हुए लिया गया है, जिसे 8 अक्तूबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में अनुमोदित किया गया था। परिवहन विभाग ने इस संबंध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और लोगों व संबंधित पक्षों से 7 दिन के भीतर आपत्तियाँ एवं सुझाव माँगे गए हैं।

नए नियमों का सबसे बड़ा असर एनसीआर क्षेत्र में डीजल वाहनों पर पड़ेगा। एनसीआर में डीजल टूरिस्ट वाहनों की उम्र 10 साल तय की गई है, जबकि पेट्रोल/सीएनजी टूरिस्ट वाहन 12 साल तक चल सकेंगे। वहीं, नॉन-एनसीआर एरिया में डीजल टूरिस्ट वाहन भी 12 साल तक चल सकेंगे। अन्य सभी गाड़ियों जैसे स्कूल बसें, रोडवेज, निजी बसें, और गुड्स कैरिज के लिए भी उम्र सीमा तय की गई है। पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक या क्लीन फ्यूल वाहन 15 साल तक चल सकेंगे। हालांकि, एनसीआर में डीजल वाहन 10 साल की उम्र पूरी करने के बाद सड़क पर नजर नहीं आएंगे, जबकि नॉन-एनसीआर में डीजल वाहनों के लिए भी 15 वर्ष की उम्र तय की गई है।

सरकार का कहना है कि पुराने वाहन अधिक धुआं छोड़ते हैं, सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते और अक्सर खराबी के कारण हादसों का कारण बनते हैं। इसलिए, एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को नहीं चलने देने का निर्णय पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस नियम से स्कूल, टूरिस्ट कंपनियाँ और बस ऑपरेटर सबसे अधिक प्रभावित होंगे, जिन्हें पुराने वाहनों को जल्द ही सुरक्षित और नए वाहनों से बदलना होगा। हरियाणा सरकार का यह कदम सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।


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