शिमला: हिमाचल प्रदेश में संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के महाप्रबंधक (जीएम) विमल नेगी के परिजनों और कर्मचारियों ने पुलिस द्वारा एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक हृकेश मीना और निदेशक देशराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने न्यू शिमला की ओर जाने वाली मुख्य सड़क को भी खोल दिया।
इससे पहले, निदेशक देशराज को निलंबित कर दिया गया था। हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी कि मृतक इंजीनियर का शव किन्नौर स्थित उनके गांव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है।
परिजनों और एचपीपीसीएल के कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि नेगी की असामयिक मौत के लिए वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनकी तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन की मांग की थी। उन्होंने मामले को सीबीआई को सौंपने की भी अपील की।
आठ घंटे से अधिक समय तक चले इस धरने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी भाजपा विधायकों के साथ मौके पर पहुंचे। ठाकुर ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है। विमल नेगी एक ईमानदार अधिकारी थे। लेकिन सरकार की ओर से उन पर किस तरह का दबाव बनाया जा रहा था? यह जानना आवश्यक है कि यह आत्महत्या थी या हत्या।"
परिवार ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे। जयराम ठाकुर ने भी सीबीआई जांच की मांग का समर्थन करते हुए सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा में इस मुद्दे पर लगातार दबाव बनाएगी और जरूरत पड़ने पर इसे राज्यपाल और केंद्र सरकार तक ले जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, जबकि एचपीपीसीएल के कर्मचारियों ने भी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों और कर्मचारियों की आवाज लगातार बुलंद हो रही है।