वॉशिंगटन: फिनलैंड ने लगातार आठवें साल वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2025 में पहला स्थान हासिल किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर, गैलप और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क द्वारा जारी इस रिपोर्ट में डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन भी शीर्ष 10 में शामिल हैं।
नॉर्डिक देशों की खुशी का रहस्य
गैलप की प्रबंध निदेशक इलाना रॉन लेवे ने बताया कि नॉर्डिक देशों का शीर्ष पर रहना आश्चर्यजनक नहीं है। यहां के लोग अपने जीवन को सकारात्मक रूप से देखते हैं। नॉर्डिक देश उच्च जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सहयोग और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए जाने जाते हैं।
अमेरिका की रैंकिंग में गिरावट
इस साल अमेरिका 23वें स्थान से गिरकर 24वें स्थान पर आ गया। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी लोग अकेले भोजन करने में ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे सामाजिक जुड़ाव में कमी आई है।
परोपकार और खुशी का गहरा संबंध
लेवे ने कहा कि परोपकार करने से लोगों की खुशी में इजाफा होता है। कोस्टा रिका और मैक्सिको ने भी पहली बार शीर्ष 10 में जगह बनाई, जो यह दर्शाता है कि खुश रहने के लिए अत्यधिक अमीर होना जरूरी नहीं है।
दुनिया के 10 सबसे खुशहाल देश
1. फिनलैंड
2. डेनमार्क
3. आइसलैंड
4. स्वीडन
5. नीदरलैंड
6. कोस्टा रिका
7. नॉर्वे
8. इजराइल
9. लक्जमबर्ग
10. मैक्सिको
सबसे कम खुशहाल देश
अफगानिस्तान (147वें स्थान) फिर से सबसे कम खुशहाल देश रहा, इसके बाद सिएरा लियोन, लेबनान, मलावी और जिम्बाब्वे जैसे देश निचले स्थानों पर रहे।
डेनमार्क की खुशहाली के कारण
डेनमार्क में उच्च कर दरों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं, बच्चों की देखभाल पर सब्सिडी दी जाती है और बुजुर्गों को पेंशन व सहायक सेवाएं मिलती हैं। यह नागरिक कल्याण का एक प्रमुख उदाहरण है। इस रिपोर्ट ने एक बार फिर दिखाया कि आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ सामाजिक सहयोग, परोपकार और नागरिक कल्याण भी खुशहाली में अहम भूमिका निभाते हैं।