पंचकुला : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टरों की भर्ती को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले पर सरकार महाविधि अधिकारी (एडवोकेट जनरल) की राय लेगी। उन्होंने कहा कि यदि न्यायालय के निर्देशों के तहत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की जांच किसी विशेष एजेंसी से करवाने की आवश्यकता होती है, तो सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्यमंत्री ने यह बयान हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में शून्यकाल के दौरान दिया। उन्होंने बताया कि 2008 में हरियाणा पुलिस में 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती को लेकर एक याचिकाकर्ता ने 2011 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोप लगाया गया कि लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लाने के बावजूद इंटरव्यू में कम अंक देकर उम्मीदवारों के साथ अन्याय किया गया।
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि दो चयनित उम्मीदवारों ने अपनी जगह किसी और को परीक्षा देने भेजा था। इस पर अदालत ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करवाई। रिपोर्ट में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कहा कि लिखित परीक्षा की उपस्थिति शीट उपलब्ध नहीं है, जिससे हस्तलेखन मिलान कर पुख्ता जांच नहीं हो सकी।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता नहीं थी, जिससे योग्य युवाओं के साथ अन्याय होता था। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय के निर्णय का पालन करने और आवश्यक जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।