शहीद का दर्जा मिलने की उम्मीद में परिवार ने नहीं की अग्निवीर की अस्थियों की जल प्रवाह


फरीदकोट: पंजाब के फरीदकोट जिले के कोठा चाहल गांव के रहने वाले 20 वर्षीय अग्निवीर आकाशदीप सिंह की ड्यूटी के दौरान श्रीनगर में गोली लगने से मौत को एक महीना बीत चुका है, लेकिन उनके परिवार ने अब तक उनकी अस्थियों का जल प्रवाह नहीं किया है। परिवार की मांग है कि आकाशदीप को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनकी मौत की सच्चाई सामने लाई जाए।

ड्यूटी के दौरान गोली लगने से हुई थी मौत

14 मई की रात श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान आकाशदीप को गोली लगी थी, जिसके चलते उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि परिवार को अब तक न तो पूरी जानकारी मिली है और न ही कोई आधिकारिक जवाब।

अस्थियां घर में संभाल कर रखी गई हैं

आकाशदीप के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे की अस्थियों को घर के एक कमरे में सुरक्षित रखा है। परिवार रोज़ सुबह और शाम गुरुद्वारे जाकर आकाशदीप की आत्मा की शांति के लिए अरदास करता है। परिजनों का कहना है कि जब तक बेटे को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता, वे अस्थियों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

सेना को भेजा पत्र, अब तक नहीं मिला कोई जवाब

परिवार ने पूर्व सैनिक शिकायत सेल की मदद से सेना को पत्र लिखकर बेटे की मौत की जांच और उसे शहीद का दर्जा देने की मांग की है, लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।

सरकार और सेना से सवाल

परिवार का कहना है कि आकाशदीप ने देश की सेवा करते हुए जान गंवाई, और यह सरकार और सेना की ज़िम्मेदारी है कि वे उसकी कुर्बानी को उचित सम्मान दें। उनका सवाल है – "हमारे बेटे को शहीद का दर्जा कब मिलेगा?"

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