देहरादून: सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अचानक कारलीगाढ़ नदी में आई बाढ़ ने आसपास के इलाकों में हाहाकार मचा दिया। पानी का तेज बहाव तपोवन, आईटी पार्क, घंगौरा और घड़ी कैंट इलाकों में घुस गया, जिससे कई सड़कें बह गईं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
विकासनगर में टोंस नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से मजदूरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई। हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं।
लगातार बारिश से नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके कारण एक बड़ा पुल ढह गया और नदी किनारे की कई संपत्तियां बह गईं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक दर्जनों दुकानें पूरी तरह नष्ट हो गईं, जबकि दो होटल भी पानी के तेज बहाव में ढह गए। मसूरी-देहरादून मार्ग बंद हो गया है और जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं। पुलिस लगातार लोगों से इस मार्ग पर यात्रा न करने की अपील कर रही है।
बदरीनाथ हाईवे भी कर्णप्रयाग और गौचर में बोल्डर गिरने से बंद पड़ा है। श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है।
आपदा की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। डीएम सविन बंसल ने खुद कमान संभाली और सभी संबंधित विभागों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया। रात में ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीडब्ल्यूडी की टीमों को जेसीबी मशीनों और आवश्यक उपकरणों के साथ घटनास्थल भेजा गया। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।