नई दिल्ली: ईरान ने बुधवार को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में बाबक शाहबाजी नामक व्यक्ति को फांसी दे दी। ईरानी न्यायपालिका की मीज़ान समाचार एजेंसी ने शाहबाजी पर आरोप लगाया कि उसने देश के डेटा केंद्रों और सुरक्षा ठिकानों की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर उन्हें इजराइली एजेंटों को बेचा।
हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि शाहबाजी को यातना देकर झूठे आरोपों में फंसाया गया था। संगठन ‘ईरान ह्यूमन राइट्स' ने पहले चेतावनी दी थी कि उसे फांसी दी जा सकती है। कार्यकर्ताओं का दावा है कि शाहबाजी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पत्र लिखकर मदद की पेशकश की थी, जिस कारण उसे गिरफ्तार किया गया।
ईरान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि शाहबाजी को किस तरीके से मृत्युदंड दिया गया। आमतौर पर दोषियों को फांसी पर लटकाया जाता है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन का संघर्ष हुआ था, जिसमें इजराइली हवाई हमलों से करीब 1,100 लोग मारे गए। इसके जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए। इस दौरान जासूसी के आरोप में आठ लोगों को फांसी दी गई।