लाहौल-स्पीति: लाहौल-स्पीति घाटी में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लाखों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने अपनी मेहनत से उगाई गोभी और मटर की फसल को खराब होते देखा है, जो अब खेतों में ही सड़ रही है।
किसानों ने अपनी मेहनत और पूंजी को बर्बाद होते देखा और कई को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। खराब हो चुकी गोभी को ट्रैक्टरों में भरकर चंद्रा नदी में बहा दिया गया, क्योंकि यह बेचने लायक नहीं बची। इस घाटी के अधिकांश किसान अपनी रोजी-रोटी पूरी तरह से खेती पर निर्भर करते हैं, इसलिए यह घटना उनके लिए बड़ा झटका साबित हुई है।
सर्दियों के मौसम के आने से पहले कई किसान इतने गरीब हो गए हैं कि वे अगले छह महीनों का राशन भी जुटा पाने में असमर्थ हैं। किसानों के सामने अन्य समस्याएं भी हैं, जैसे बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान और बैंक से लिए गए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन की चिंता। इस प्राकृतिक आपदा ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है और वे सरकार से तत्काल मदद की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इस कठिन घड़ी से उबर सकें।