चंडीगढ़, पंजाब: पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गर्म होना शुरू हो गई है। इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बड़ा राजनीतिक बयान दिया है। कैप्टन का कहना है कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब में अपनी सरकार बनाना चाहती है तो उसके लिए अकाली दल के साथ गठबंधन ज़रूरी है।
अकेले जीतना मुश्किल, गठबंधन ही रास्ता
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा अकेले पंजाब में सरकार नहीं बना सकती। इसके लिए भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन होना ज़रूरी है। कैप्टन के इस बयान ने राजनीति में नई हलचल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अभी पंजाब की सामाजिक और राजनीतिक संरचना की गहरी समझ नहीं है। उन्होंने सलाह दी, "अगर आप 2027 का चुनाव जीतना चाहते हैं, तो अपना कैडर मजबूत करना होगा, लेकिन इसमें दो-तीन चुनाव लगेंगे। अकाली दल के साथ गठबंधन ही जीत का एकमात्र रास्ता है।" कैप्टन ने यह भी कहा कि वे पूरी तरह फिट हैं और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए सक्रिय राजनीति में पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने दोहराया, "सरकार बनाने का दूसरा कोई रास्ता ही नहीं है, अकाली दल के साथ ही जाना होगा।"
पुराना गठबंधन और मौजूदा स्थिति
गौरतलब है कि भाजपा और अकाली दल का लंबे समय तक गठबंधन रहा था, जो पुराने जनसंघ के ज़माने से अकाली दल का सहयोगी रहा। दोनों दलों के बीच यह गठबंधन किसान आंदोलन के बीच 2020 में कृषि कानून के विरोध में खत्म हो गया था, जिसके बाद अकाली दल एनडीए से अलग हो गई थी। राजनीतिक अलगाव के बाद भी दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति तल्खी नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियाँ अलग-अलग नए सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ीं। 117 सदस्यों वाली विधानसभा में अकाली दल को 3 और बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिली थीं। अकाली दल को 18.38\% और बीजेपी को 6.6\% वोट मिले थे।