देवभूमि हिमाचल में अद्भुत परंपरा: 5 साल बाद हुआ 'राजा' देव हुरंग नारायण और 'वजीर' देव पशाकोट का मिलन



बरोट, हिमाचल प्रदेश: देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी अनूठी देव परंपराओं के लिए जानी जाती है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत बरोट के देवगढ़ में आस्था और भक्ति का एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला, जहाँ 5 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद 2 महाशक्तियों का मिलन हुआ।

राजा और वजीर का अनोखा रिश्ता

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देव हुरंग नारायण को क्षेत्र में 'राजा' का दर्जा प्राप्त है, जबकि देवता पशाकोट 'वजीर' कहलाते हैं। इन दोनों देवताओं के बीच का रिश्ता केवल राजा और वज़ीर का ही नहीं, बल्कि बड़े भाई (देव हुरंग नारायण) और छोटे भाई (देव पशाकोट) का भी है। यह मिलन समारोह हर 5 साल में आयोजित किया जाता है। परंपरा के अनुसार, बड़े भाई देव हुरंग नारायण अपने छोटे भाई देव पशाकोट के यहाँ केवल एक दिन के लिए मेहमान बनकर पधारते हैं। इस बार भी देवगढ़ में इसी ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन किया गया।

हजारों श्रद्धालु बने साक्षी

इस अलौकिक दृश्य का साक्षी बनने के लिए हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु देवगढ़ पहुँचे। जैसे ही दोनों देवताओं का मिलन हुआ तो पूरा क्षेत्र ढोल-नगाड़ों और जयकारों से गूँज उठा। भक्तों ने कतारबद्ध होकर दोनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस पावन मिलन ने पूरे बरोट क्षेत्र के वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया है।



Previous Post Next Post