पटियाला: पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक बड़े बयान ने पंजाब की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुले तौर पर कहा है कि वह बीजेपी के अंदर भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में कई नियम हैं और हाईकमान से मिलना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के बाद शायद एक या दो बार ही वह हाईकमान से मिले हैं, और उन्हें आज भी कांग्रेस के दिन याद हैं। कैप्टन ने यह भी कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव पास हैं, लेकिन कोई उनसे सलाह नहीं लेता कि कौन कहाँ से चुनाव लड़ सकता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के 500 करोड़ वाले बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए डॉ. नवजोत सिंह सिद्धू और डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को अस्थिर बताया। उन्होंने कहा कि वे दोनों कभी कुछ कहते हैं तो कभी कुछ, और उनका कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं है। कैप्टन ने स्पष्ट किया कि पंजाब में मुख्यमंत्री बनाने के लिए अटैची काम नहीं करते और बिना फैक्ट्स के ऐसे दावे फैलाना पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है। कांग्रेस की मामले को ठंडा करने की कोशिशों के बावजूद कैप्टन के सीधे और तीखे बयानों ने पॉलिटिकल टेम्परेचर को और बढ़ा दिया है।
कैप्टन ने न सिर्फ सिद्धू कपल पर हमला बोला, बल्कि बीजेपी के अंदरूनी मामलों और अकाली दल के साथ संभावित अलायंस पर भी बड़े इशारे किए। उन्होंने कहा कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू अब उन पर भी आरोप लगा रही हैं कि वह खजाने से भरे ट्रक भेजते थे, जिस पर कैप्टन ने सवाल उठाया कि क्या वह कभी मौजूद थे या उन्होंने कुछ देखा? उन्होंने कहा कि सिर्फ आरोप लगाने के लिए आरोप लगाना सबसे बड़ी बेईमानी है। 2027 के चुनावों के बारे में बात करते हुए कैप्टन ने कहा कि अकालियों के बिना पंजाब में बीजेपी का कोई वजूद नहीं है और अगर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी, तो उसका काम नहीं चलेगा। उन्होंने सुखबीर सिंह बादल की तारीफ करते हुए कहा कि वे जहाँ खड़े होते हैं, वहीं खड़े रहते हैं और एक स्थिर तथा मजबूत मुख्यमंत्री लगते हैं। वहीं, कांग्रेस के बारे में कैप्टन ने कहा कि पार्टी में इस समय 8-9 मुख्यमंत्रियों वाली स्थिति है, जहाँ हर कोई दूसरे को खत्म करने में लगा हुआ है।