गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने राज्य में टैक्सी, ऑटो, बाइक-टैक्सी सहित सभी एग्रीगेटर आधारित सेवाओं के लिए नए 'हरियाणा मोटर व्हीकल (एग्रीगेटर) रूल्स-2025' लागू करने का निर्णय लिया है। इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करना, ड्राइवरों की जवाबदेही तय करना और परिवहन व्यवस्था को एक समान ढंग से नियंत्रित करना है। इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी किया गया है, हालाँकि यह अभी ड्राफ्ट है, जिस पर संबंधित और आम लोग एक सप्ताह के भीतर अपने सुझाव एवं आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे।
नई व्यवस्था के तहत, कोई भी कंपनी जो सार्वजनिक परिवहन के लिए एप आधारित सेवा (जैसे टैक्सी) चलाना चाहती है, उसे सरकार से अनिवार्य लाइसेंस लेना होगा, जिसके लिए 5 लाख रुपये की फीस तय की गई है, और रिन्यूअल फीस 25 हजार रुपये होगी। इसके अलावा, बड़े एग्रीगेटरों को फ्लीट साइज के अनुसार 10 लाख से 50 लाख रुपये तक की सुरक्षा निधि (सिक्योरिटी डिपॉजिट) देनी होगी। 100 वाहन तक 10 लाख, 1,000 तक 25 लाख और उससे ऊपर 50 लाख रुपये जमा कराने होंगे।
दस्तावेज के अनुसार, कोई भी ड्राइवर तब तक एग्रीगेटर के लिए काम नहीं कर सकेगा जब तक वह पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल फिटनेस, वैध ड्राइविंग लाइसेंस और पिछले 3 वर्षों में गंभीर अपराध का रिकॉर्ड न होने की शर्तें पूरी न कर दे। हर चालक को 4 घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम लेना अनिवार्य होगा, जिसमें सड़क सुरक्षा, व्यवहार और आपात स्थिति में सहायता शामिल होगी। नियमों में महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। एग्रीगेटर को अपनी सेवाओं में एसओएस फीचर, राइड-डिटेल शेयरिंग, रियल-टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं को जोड़ना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, हर एग्रीगेटर को अब 24x7 कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग रूम और एक डेडिकेटेड कॉल सेंटर चलाना होगा जो शिकायतों का समाधान करेगा और दुर्घटना या विवाद की स्थिति में त्वरित हस्तक्षेप करेगा।