तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी: डोनाल्ड ट्रंप शांति वार्ता से खफा, बोले अब समय बर्बाद नहीं करेंगे, यूक्रेन ने रूस के कैस्पियन सागर स्थित ऑफशोर तेल प्लेटफॉर्म पर किया ड्रोन हमला

 मैं इस खबर को आपके निर्देशानुसार आकर्षक शीर्षक, उसके ठीक नीचे हाइफ़न-युक्त स्लग और फिर पैराग्राफ फ़ॉर्मेट में फिर से लिख रहा हूँ।



वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच चल रही शांति बातचीत से लगभग ऊब चुके हैं। कई दौर की मीटिंग और प्रस्तावों के बावजूद ज़मीन पर कोई बदलाव न होते देख, ट्रंप ने पहली बार साफ शब्दों में कहा है कि वह 'अब समय बर्बाद नहीं करना चाहते'। ट्रंप ने खुलकर यूरोपीय देशों और यूक्रेन दोनों से नाराज़गी व्यक्त की और चेताया कि अगर हर कोई इसी तरह के खेल खेलता रहा, तो अंततः तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा। ट्रंप ने कहा कि वे तभी यूरोप मीटिंग के लिए आएँगे जब कुछ ठोस लेकर वापस आएँगे, जो इस डिप्लोमेसी से दूर होने की उनकी तैयारी को दर्शाता है। उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी पहली बार माना है कि अमेरिका उन पर 'बड़े भूभाग छोड़ने' का दबाव बना रहा है।

इसी तनाव के बीच यूक्रेन ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने रूस को पूरी तरह चौंका दिया है। यूक्रेन ने पहली बार कैस्पियन सागर में रूस के ऑफशोर तेल प्लेटफॉर्म पर लंबी दूरी के ड्रोन से वार किया है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस के सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार है जब यूक्रेन ने कैस्पियन सागर में रूस की तेल फैसिलिटी को निशाना बनाया है, जो रूसी युद्ध मशीन को फंड करने वाली इकाइयों पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है।

पिछले कुछ महीनों में यूक्रेन ने रूस की रिफाइनरी, तेल पाइपलाइन और टैंकरों पर भी हमले तेज कर दिए हैं। सिर्फ अगस्त से नवंबर के बीच यूक्रेन ने रूस की 77 एनर्जी फैसिलिटी हिट की हैं, जो साल के पहले सात महीनों की तुलना में लगभग दोगुना है। विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस तेल की कमाई से अपनी सेना और युद्ध तंत्र मजबूत कर रहा है, इसलिए यूक्रेन अब सीधा उस 'एनर्जी एटीएम' पर वार कर रहा है जिससे रूस को सबसे ज्यादा पैसा मिलता है। हालाँकि, मोर्चे पर रूस धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है और बातचीत का हर दौर रूस की मांगों को मजबूत कर रहा है।



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