IMF का सख्त दबाव: पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर की डील संकट में, बेलआउट कार्यक्रम के तहत 11 नई शर्तें लागू अब कुल 64 शर्तें करनी होंगी पूरी



नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के 7 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम के तहत 11 नई शर्तें जोड़ दी हैं। गुरुवार को जारी दूसरी समीक्षा की स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में शामिल इन शर्तों के बाद पिछले 18 महीनों में लगाई गई कुल शर्तों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। ये नई शर्तें पाकिस्तान के सुशासन ढांचे की पुरानी खामियों, व्यापक भ्रष्टाचार जोखिमों और घाटे वाले क्षेत्रों में सुधार से जुड़ी हैं, जिससे देश पर आर्थिक सुधारों की गति और तेज करने का दबाव बढ़ गया है।

सबसे अहम शर्तों में से एक यह है कि दिसंबर 2026 तक सभी उच्च स्तरीय केंद्रीय सिविल सेवकों (ग्रेड-19 और ऊपर) की संपत्ति घोषणाएं आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएँगी, ताकि आय और संपत्ति में विसंगतियों का पता लगाना आसान हो। भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला बोलते हुए, आईएमएफ ने अक्टूबर 2026 तक 10 सबसे अधिक जोखिम वाले विभागों में भ्रष्टाचार के खतरे को कम करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना जारी करने को कहा है, जिसका समन्वय नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) करेगा।

अन्य सख्त शर्तों में चीनी उद्योग में एकाधिकार तोड़ने की कवायद भी शामिल है, जिसके तहत जून 2026 तक केंद्र और प्रांतीय सरकारों को मिलकर राष्ट्रीय चीनी बाजार उदारीकरण नीति पर सहमति बनानी होगी। इसके साथ ही, एफबीआर (FBR) की खराब कार्यक्षमता पर सख्ती बरतते हुए दिसंबर 2025 के अंत तक सुधारों का पूरा रोडमैप तैयार करने को कहा गया है। आईएमएफ ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि दिसंबर 2025 के अंत तक राजस्व लक्ष्य से चूक हुई, तो सरकार मिनी-बजट लाएगी, जिसमें उर्वरक, कीटनाशकों और उच्च चीनी वाले उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाना शामिल होगा।

इसके अलावा, बिजली क्षेत्र में निजीकरण की तैयारी करते हुए हैदराबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (HESCO) और सुक्कूर इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (SEPCO) में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए आधार तैयार करने को कहा गया है।



Previous Post Next Post