वैश्विक शक्ति-संतुलन बदल सकता है ट्रंप का 'कोर-5 प्लान': भारत, चीन, रूस और जापान को एक मंच पर लाने की तैयारी, G-7 और G-20 को बताया नाकाफी



नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अर्थव्यवस्था के मानदंडों को छोड़कर ऐसे देशों को साथ लाना चाहते हैं जिनकी आबादी और सैन्य शक्ति ज्यादा है। इस नए ग्रुप को 'कोर-5' या 'सी-5' नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य भारत, चीन, रूस और जापान को एक साथ अमेरिका के साथ एक मंच पर लाना है। हालाँकि, मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए यह एक जटिल विचार है, क्योंकि भारत-चीन और चीन-जापान के बीच प्रतिद्वंद्विता है।

अमेरिका के प्रकाशन 'पॉलिटिको' ने 12 दिसंबर को एक आर्टिकल में बताया कि अमेरिका को जी-7 और जी-20 जैसे फोरम नाकाफी लग रहे हैं, इसलिए मल्टीपोलर दुनिया के लिए नए फोरम का विचार किया जा रहा है। कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रंप का अजेंडा यह है कि यूरोप आधारिक संगठनों को आगे बढ़ाने से अच्छा है कि उभरती हुई ताकतों का संगठन बनाया जाए। वाइट हाउस की नेशनल सिक्योरिटी का प्लान है कि इस ग्रुप का फोकस कुछ खास मुद्दों पर होगा और इसके शिखर सम्मेलन जी-7 की तरह आयोजित होंगे।

जानकारों का कहना है कि यह विचार दुनियाभर में बड़ा उथल-पुथल करने वाला हो सकता है, क्योंकि यह संगठन अमीर और डेमोक्रेटिक देशों से इतर शक्ति पर आधारित होगा। इस ग्रुप की पहली मीटिंग में ही मध्य एशिया में शांति स्थापित करने और इजरायल-सऊदी अरब के बीच रिश्ते सुधारने को लेकर चर्चा हो सकती है। यह संगठन रूस को सामने रखते हुए नाटो को कमजोर करने का प्लान भी साबित हो सकता है, वहीं भारत के लिए इंडो-पैसिफिक मुद्दों पर संबोधन के लिए यह एक अच्छा प्लैटफॉर्म हो सकता है।

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