सिरसा: हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन, सिरसा द्वारा संचालित हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच के तत्वावधान में स्थानीय श्री युवक साहित्य सदन में अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन-2025 का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जयदेव-सहदेव जैन चैरिटेबल ट्रस्ट, सिरसा के प्रधान ललितमोहन जैन ने की। मुख्य अतिथि सादुलपुर (चुरू) से वरिष्ठ लघुकथाकार और चिकित्सक डॉ. रामकुमार घोटड़ थे जबकि विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य पवनकुमार गुप्ता रहे।
पहले सत्र में प्रो. रूप देवगुण ने अतिथियों का स्वागत किया और डॉ. शील कौशिक ने "हिंदी: वैश्विक संवाद की भाषा" विषय पर आलेख प्रस्तुत किया। डॉ. ऋचा शर्मा ने "अपना आधार खोती आधुनिक लघुकथा (महाराष्ट्र के संदर्भ में)" पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन हरीश सेठी ‘झिलमिल’, डॉ. आरती बंसल और डॉ. शील कौशिक ने किया।
लोकार्पण कार्यक्रम में लघुकथा-पर्व-3, लघुकथा-पर्व राजस्थान-2023, दीपांजलि, आठवां सुर, चमक जुगनूं की, नौ रत्नी लघुकथां, आई एम नॉट एकलव्य, हाइवे, मुक्त कैद, हैल्लो जिंदगी, तेरी-मेरी कहानी और लघुकथा कलश सहित कई पुस्तकों और पत्रिकाओं का विमोचन हुआ।
दूसरे सत्र में सम्मान समारोह आयोजित हुआ। सिद्धेश्वर को श्री खुशीराम देवगुण स्मृति लघुकथा-सम्मान, डॉ. ऋचा शर्मा को श्रीमती महादेवी कौशिक स्मृति लघुकथा-सम्मान, जगदीश राय कुलरियां को श्री राजकुमार बंसल स्मृति लघुकथा-सम्मान और आशा खत्री ‘लता’ को श्रीमती सुशीलावती गोस्वामी स्मृति-सम्मान प्रदान किया गया। इसके अलावा कई लेखकों और संपादकों को भी विशेष सम्मान से नवाजा गया।
तृतीय सत्र में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आए लघुकथाकारों ने अपनी-अपनी लघुकथाएं प्रस्तुत कीं। उनकी समीक्षा योगराज प्रभाकर और सिद्धेश्वर ने की। सभी प्रतिभागी लघुकथाकारों को सम्मान पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार और गणमान्य लोग मौजूद रहे।