प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अंग्रेजी और अन्य विदेशी शब्दों के सार्वजनिक उपयोग पर सख्त पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया है। इस कदम का उद्देश्य पश्चिमी प्रभाव और दक्षिण कोरिया की भाषा-संस्कृति के फैलाव को रोकना बताया जा रहा है। खासकर वोनसान बीच-साइड रिसॉर्ट जैसे पर्यटक स्थलों पर इस निर्देश को सख्ती से लागू किया जाएगा।
नए नियमों के तहत “आइसक्रीम” की जगह “eseukimo” या “eoreumboseungi” कहा जाएगा। “हैम्बर्गर” को अब “da-jin-gogi gyeopppang” यानी “दोहरा ब्रेड + ग्राउंड बीफ” नाम दिया गया है। वहीं “कराओके मशीन” को “ऑन-स्क्रीन कम्पेनिमेंट मशीन” कहा जाएगा।
यह नियम खासतौर पर उन टूर गाइड्स पर लागू होंगे, जो विदेशी पर्यटकों से संवाद करते हैं। जानकारी के मुताबिक, करीब 20-30 गाइड्स को Workers’ Party of Korea के Cadre Department के अधीन चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है, ताकि वे विदेशी शब्दों के बजाय स्थानीय शब्दावली का इस्तेमाल करें।
खबरों के मुताबिक, इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को नौकरी से हटाया जा सकता है या प्रशिक्षण से निकालने जैसी सजा दी जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में पहले भी उल्लेख किया गया है कि विदेशी मीडिया, टीवी शो और फिल्मों के मामलों में उत्तर कोरिया सख्त कानून और कठोर सजा लागू करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम के पीछे सरकार की मंशा भाषा और शब्दावली के जरिए राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करना है। साथ ही, दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों के सांस्कृतिक प्रभाव से जनता को दूर रखकर समाज और विचारधारा पर नियंत्रण बनाए रखना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है।