नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को तीन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी है, जिनमें सबसे अहम है जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ रुपये के बजट को हरी झंडी देना। इसके साथ ही, कोयला लिंकेज नीति में सुधार के लिए कोलसेटू नीति और खोपरा MSP 2025 सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी नीतिगत मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनगणना 2027 की जानकारी देते हुए बताया कि यह विश्व का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास होगा। यह जनगणना अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी और कोविड महामारी के कारण जनगणना 2021 आयोजित नहीं की जा सकी थी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (HLO) होगी, जिसे अप्रैल से सितंबर 2026 तक अंजाम दिया जाएगा। दूसरे चरण में जनसंख्या की गिनती (PE) होगी, जो फरवरी 2027 से शुरू होगी। जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 को 00:00 बजे होगी (बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए 1 अक्तूबर 2026)। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक में मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ किए जाने पर भी विचार हो सकता है।