इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी रहे आईएसआई के पूर्व चीफ फैज हमीद को गुरुवार को आए एक फैसले में 14 साल कैद की सजा दी गई है। फैज हमीद को राजनीतिक संलिप्तता रखने, अपने अधिकार का बेजा इस्तेमाल करने, लोगों को नुकसान पहुंचाने और ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। इसमें सबसे अहम पहलू राजनीतिक संलिप्तता को माना जा रहा है, और आशंका है कि यह सजा 9 मई को हुई हिंसा के मामले में दी गई है। कहा जा रहा है कि फैज हमीद की यह सजा बस एक शुरुआत भर है।
पाकिस्तान की सेना ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि फैज हमीद को मिलिट्री लॉ के तहत सजा दी गई है। इस बयान के आखिरी पैराग्राफ की काफी चर्चा हो रही है, जिसमें सेना ने लिखा है कि राजनीतिक आंदोलन को उकसाने और अस्थिरता पैदा करने के मामलों की अलग से जाँच हो रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। सेना के इस बयान से साफ है कि उसने फैज हमीद और कुछ अन्य नेताओं को हिंसा का जिम्मेदार माना है और अभी और लोगों के खिलाफ भी ऐक्शन हो सकता है।
इमरान खान के समर्थकों को डर सता रहा है कि 9 मई की हिंसा के मामले में मिलिट्री कोर्ट में और भी तमाम लोगों पर केस चल सकते हैं, जिन्हें सख्त सजाएं मिल सकती हैं। पाकिस्तान का लंबा खूनी इतिहास रहा है, जिसमें सत्ता से हटने के बाद भी शासक सुरक्षित नहीं रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से आशंकाएं तेज हैं कि सेना को बेतहाशा ताकत मिलने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक विपक्षियों को चुन-चुनकर टारगेट किया जा सकता है।